कही कोई थाह नहीं अथाह है जीवन न इसके पीछे कोई कारण खोजा जासकता है और न इसके आगे कोई भविष्य खोजा जा सकता है बस जीवन अभी है और यहीं है जो बैचैन है.. और जो जीवन क्यों है उसका कारण खोजते हैँ वे सभी बचकानी सोच वाले हैँ लेकिन प्रौढ और विवेकशील व्यक्ति वह है जो प्रश्नों की व्यर्थता को समझकर जिसने प्रश्नों का त्याग कर दिया है क्योंकि वे समझ चुके हैँ क़ि जीवन अकारण है और उसकी कहीं कोई थाह नहीं है ©Parasram Arora #जीवन है अकारण........