हे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो, प्रेम की वो अमृतधारा मेरे जीवन में उतार दो। ....... ©Dhaneshdwivediwriter #DearKanhaहे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो, दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो प्रेम की वो अमृतधारा मेरे जीवन में उतार दो।