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dhaneshdwivedi4138
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Dhaneshdwivediwriter

हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः विरह, वेदना सारथी तप, त्याग का सफर प्रेम कलम कागज और किताबें📚 अध्ययन- परिस्थितियाँ, सिंचितधन- अनुभव, परिवेश- एकांत 7❤️Octob

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Dhaneshdwivediwriter

Unsplash मेरा सुख चैन खो रहा है,
अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है।

















.

©Dhaneshdwivediwriter #camping मेरा सुख चैन खो रहा है 
अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है

dhaneshdwivediwriter

#camping मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है dhaneshdwivediwriter #शायरी

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Dhaneshdwivediwriter

मेरा सुख चैन खो रहा है 
अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है।

©Dhaneshdwivediwriter मेरा सुख चैन खो रहा है 
अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है

मेरा सुख चैन खो रहा है अंदर ही अंदर तेरी यादों का बवंडर उमड़ रहा है #विचार

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Dhaneshdwivediwriter

Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।















।

©Dhaneshdwivediwriter #traveling दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।

#

#traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। # #शायरी

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Dhaneshdwivediwriter

Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।













।

©Dhaneshdwivediwriter #traveling दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।
#dhaneshdwivediwriter
#dhaneshdwivedi 
#धनेश्_द्विवेदी

#traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। #dhaneshdwivediwriter #dhaneshdwivedi #धनेश्_द्विवेदी #शायरी

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Dhaneshdwivediwriter

White  ।।मैं शून्य हो जाना चाहता हूँ।।
ये बांधना चाहते हैं मुझे,
सभ्यता की लकीरों पर 
सिमित हो कर चलना सिखाते हैं 
ताकि तथा कथित जैसा सभ्य बन सकुं
लेकिन मैं सभी सीमाएं लांघ निकलता हूँ 
और चले जाना है मुझे इनकी उम्मीदों से कोशो दूर 
जहाँ  पहुँच न सके कोई भी विचार 
फिर शून्य में स्वयं शून्य हो जाना है
स्वयं के यथार्थ स्वरूप में स्थिर होकर रह जाना है 
स्वयं के यथार्थ को पहचानना है 
न विद्वान हूंँ न ही तथाकथित बन जाना है 
अज्ञानी हूँ यह ज्ञान जानना है 
मुझे गर्व है अपनी अज्ञानता पर
क्योंकि सभ्यसमाज के लोगों को देख कर मेरी आंखे फट जाती हैं 
उनको नजदीक से सुन कर मैं कांप उठता हूँ 
उनकी विद्वत्ता के रहते व्यवहार पर अक्सर मेरे होंठ सिल जाते हैं  
देह में मेरे रक्त जम सा जाता है
हाँ मैं उनसे अव्यवस्थित हूँ, असभ्य हूँ, असहज हूँ,
अल्हड़ हूंँ लेकिन मैं स्वयं में एक खूबसूरत एहसास हूंँ।
मैं बीहड़ सही मुझे मुझमें ही रहने दो,  
मुझे अपने तरिके से जिने दो
क्योंकि मैं इस लिखी हुई कविता की तरह ही हूँ 
उलझा हुआ, अव्यवस्थित सा, असहज, अत्यंत संवेदनशील, 
यहाँ भी फूहड़ता नजर आती होगी
लेकिन छोड़ो तुम रहने दो, मैं अल्हड़ हूँ
छोड़ो मुझे अल्हड़ ही रहने दो।

















,

।।

©Dhaneshdwivediwriter #sad_quotes
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Dhaneshdwivediwriter

White  ।।मैं शून्य हो जाना चाहता हूँ।।

ये बांधना चाहते हैं मुझे,
सभ्यता की लकीरों पर 
सिमित हो कर चलना सिखाते हैं 
ताकि तथा कथित जैसा सभ्य बन सकुं
लेकिन मैं सभी सीमाएं लांघ निकलता हूँ 
और चले जाना है मुझे इनकी उम्मीदों से कोशो दूर 
जहाँ  पहुँच न सके कोई भी विचार 
फिर शून्य में स्वयं शून्य हो जाना है
स्वयं के यथार्थ स्वरूप में स्थिर होकर रह जाना है 
स्वयं के यथार्थ को पहचानना है 
न विद्वान हूंँ न ही तथाकथित बन जाना है 
अज्ञानी हूँ यह ज्ञान जानना है 
मुझे गर्व है अपनी अज्ञानता पर
क्योंकि सभ्यसमाज के लोगों को देख कर मेरी आंखे फट जाती हैं 
उनको नजदीक से सुन कर मैं कांप उठता हूँ 
उनकी विद्वत्ता के रहते व्यवहार पर अक्सर मेरे होंठ सिल जाते हैं  
देह में मेरे रक्त जम सा जाता है
हाँ मैं उनसे अव्यवस्थित हूँ, असभ्य हूँ, असहज हूँ,
अल्हड़ हूंँ लेकिन मैं स्वयं में एक खूबसूरत एहसास हूंँ।
मैं बीहड़ सही मुझे मुझमें ही रहने दो,  
मुझे अपने तरिके से जिने दो
क्योंकि मैं इस लिखी हुई कविता की तरह ही हूँ 
उलझा हुआ, अव्यवस्थित सा, असहज, अत्यंत संवेदनशील, 
यहाँ भी फूहड़ता नजर आती होगी
लेकिन छोड़ो तुम रहने दो, मैं अल्हड़ हूँ
छोड़ो मुझे अल्हड़ ही रहने दो।

















,

।।

©Dhaneshdwivediwriter #sad_quotes
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Dhaneshdwivediwriter

सच की चाहत में जलते हुए,
 छलावे के जाल में चलते हुए।

















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©Dhaneshdwivediwriter #fakesmile 
सच की चाहत में जलते हुए,  
छलावे के जाल में चलते हुए।
  कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

#fakesmile सच की चाहत में जलते हुए, छलावे के जाल में चलते हुए। कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

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Dhaneshdwivediwriter

Dhanesh Dwivedi

































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©Dhaneshdwivediwriter 
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बोलो अपने दिल की बात 👇👇👇

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Dhaneshdwivediwriter

Dhanesh Dwivedi


















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©Dhaneshdwivediwriter
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Dhaneshdwivediwriter

एक खूबसूरत किरदार
के पीछे कितने किस्से,
कितनी कहानियाँ, 
कितना दर्द छिपा होता है
ये कोई नहीं जानता।

धनेश द्विवेदी–
















....

©Dhaneshdwivediwriter
  एक खूबसूरत किरदार
के पीछे कितने किस्से,
कितनी कहानियाँ, 
कितना दर्द छिपा होता है
ये कोई नहीं जानता।

धनेश द्विवेदी–

एक खूबसूरत किरदार के पीछे कितने किस्से, कितनी कहानियाँ, कितना दर्द छिपा होता है ये कोई नहीं जानता। धनेश द्विवेदी– #विचार

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