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White जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं

White  जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं,
पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है।

वो जो जलते थे कभी, अब राख में तब्दील हो गए,
पर इस राख में अब भी किसी और से सुलगने की तलब है।

दर्द में डूब कर भी हमने खुद को तलाशा था,
अब उस तलाश में किसी और से मिलने की तलब है।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं,
पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है।

वो जो जलते थे कभी, अब राख में तब्दील हो गए,
पर इस राख में अब भी किसी और से सुलगने की तलब है।
दर्द में डूब कर भी हमने खुद को तलाशा था,
अब उस तलाश में किसी और से मिलने की तलब है।
White  जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं,
पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है।

वो जो जलते थे कभी, अब राख में तब्दील हो गए,
पर इस राख में अब भी किसी और से सुलगने की तलब है।

दर्द में डूब कर भी हमने खुद को तलाशा था,
अब उस तलाश में किसी और से मिलने की तलब है।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं,
पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है।

वो जो जलते थे कभी, अब राख में तब्दील हो गए,
पर इस राख में अब भी किसी और से सुलगने की तलब है।
दर्द में डूब कर भी हमने खुद को तलाशा था,
अब उस तलाश में किसी और से मिलने की तलब है।