अजीब इत्तेफाक है ना यह, आज शाम का वक्त ही ले लीजिए, तेज हवाएं चल रही थी हम अपना दिल संभाले कुछ आगे बढ़े ही थे कि हमें वह दिख गयीं। हाँ, आज फिर वही हरी सलवार कमीज पहन रखी थी उन्होंने, तेज हवाओं के बीच उनका वो दुपट्टा मानो आसमां से बातें सी कर रहा था। वह हमारे बगल से आई और आगे कहीं निकल गयीं, कुछ देर वहीं रुका और खड़े-खड़े वहां यह सोचा हमने। सोचा कि क्यों वह हमारी नहीं पर फिर इस बात से दिल को तसल्ली सी दे दी कि भाई चलो, तेरे उस हवे के झोंके ने मुझे छुआ तो सही जिसे सपने में देख कर ही खुश हो जाते हैं लोग आखिर उसका दीदार हमें हकीकत में हुआ तो सही।
Take a moment to tell if you liked it in the comment section. Do like and share. For more stuff like these follow @thepaperpenguy
#poetsofinstagram#poetrycommunity#poetsandwriters#poetryporn#wordporn#writerscommunity#read#storytelling#microfication#blogger#yqdidi#yqbhaijan#yqhindi#yqshayari#yqurdu#Love#pyaar#mohabbat