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भटका पंक्षी वन-वन भटके , जैसे भटके तन का मन।। पाये

भटका पंक्षी वन-वन भटके ,
जैसे भटके तन का मन।।
पाये न मंजिल तो मन को ढुंढे ,
जैसे ढुंढे स्व को स्वयं का मन।

©Narendra kumar #Bird
भटका पंक्षी वन-वन भटके ,
जैसे भटके तन का मन।।
पाये न मंजिल तो मन को ढुंढे ,
जैसे ढुंढे स्व को स्वयं का मन।

©Narendra kumar #Bird
narendrakumar3882

Narendra kumar

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