अब इस जमाने को कैसे बताऊ की, किस तरह से टूट कर तुझे चाहता हुँ मैं। तू रकीब के संग भी खुश रहे सदा अब ऐसी दुआ अपने रब से मांगता हुँ मैं।। तू खुश रहे सदा