देख उजाला सिंदूरी सूरज का उगता धीरे-धीरे और साथी संगी चिड़िया चहचहाते तीरे तीरे हो कर चली तैयार वो जैसे पार करना संसार हो नन्हीं-नन्हीं अंखियों में उम्मीदों का संसार वो कभी फुदकती यहां-वहां कभी वह चहचहाती कहना चाहे मुझसे वह सारी दुनिया की पाती दिनभर मौज मस्ती करती और चुगती दाना फिर शाम को होकर तैयार है उसको घर जाना ऐसे ही निकली चिड़िया घर से है उसका यहां रोज आना जाना फिर कल यही कहानी है उसको दोहराना...... चिड़ियाँ रूपक हैं, साहसी और मेहनती लड़कियों की। दुनिया इन के परिश्रम से आकार पाती है। Collab करें YQ Didi के साथ। #चिड़ियाँ #yqdidi #yqbaba #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #neerajwrites #yqdada