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Alone एक और दिन बीत गया एक और रात रूठ गई हम कसम

Alone    एक और दिन बीत गया एक और रात रूठ गई
हम कसम खाते रहे बदलने की
कमबखत आधी उम्र ही बीत गई।

अफसोस है मैं रुकता क्यों नहीं
आवाज सुनकर भी मुड़ता क्यों नहीं।

यह जीद अकड़ मैं कब तक ढोऊगा
यह समय निकल गया फिर अंधेरे में रोऊगा।

याद रख वह किसी को जीने से रोकता नहीं
समय निकल गया फिर मौसम की तरह लौटता नहीं।

अभी तो जिंदगी के हर जाम में मजा आएगा।
जो जिंदगी की शाम हुई फिर धुंधला ही नजर आएगा।

उठ और मजबूत वादा कर सपनों से निकल और हकीकत का इरादा कर अब जिंदगी को यूं ना जाया कर।

नीरज नील ्््् #उठ और मजबूत इरादे कर।
Alone    एक और दिन बीत गया एक और रात रूठ गई
हम कसम खाते रहे बदलने की
कमबखत आधी उम्र ही बीत गई।

अफसोस है मैं रुकता क्यों नहीं
आवाज सुनकर भी मुड़ता क्यों नहीं।

यह जीद अकड़ मैं कब तक ढोऊगा
यह समय निकल गया फिर अंधेरे में रोऊगा।

याद रख वह किसी को जीने से रोकता नहीं
समय निकल गया फिर मौसम की तरह लौटता नहीं।

अभी तो जिंदगी के हर जाम में मजा आएगा।
जो जिंदगी की शाम हुई फिर धुंधला ही नजर आएगा।

उठ और मजबूत वादा कर सपनों से निकल और हकीकत का इरादा कर अब जिंदगी को यूं ना जाया कर।

नीरज नील ्््् #उठ और मजबूत इरादे कर।
neerajneel7114

Neeraj Neel

Bronze Star
New Creator
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