अगर तुमसे मोहब्बत ना करते, तो क्या करते ꫰ जीते अगर तेरे बगैर इस वीराने में, तो क्या करते ꫰꫰ देखो खो गए हम इस भीड़ में कहीं अकेले ꫰ मिल जाते अगर तुम, तो नाजाने क्या करते ꫰꫰ हाँ! शायद बना लेते हम भी जहान अपना कहीं नया ꫰ या शायद तेरी जुल्फों केे उलझे,हम यूँ ही भटका करते ꫰꫰ सुनते बातें दुनिया की तुमसे बिछड़ने केे बाद ꫰ यूँ बेरोज़गारी केे मारे, शायरी ना करते, तो क्या करते ꫰꫰ और सीने में घुसे हैं खंजर कई अपनों केे "जय" ꫰ जो तेरे साथ नहीं मरते, तो पता नहीं क्या करते ꫰꫰ ©Jayesh gulati क्या करते ꫰❤ . . . . . . .