Nojoto: Largest Storytelling Platform

गम न था मुझे उसके जाने का, मौसम न था उनके आने का,

गम न था मुझे उसके जाने का,
मौसम न था उनके आने का,
जख्म थे ढेरों इस दिल के आशियाने में,
दम गया मेरा जब नम निगाहें जा टिकी कल के आईने में ।
रिश्तें-नातों ने बेआवाज तोड़ी प्रेम जंजीर,
रास्ते कलरव पर दिल बधीर,
हंसते हुए भी था मैं गंभीर,
ढलते-उठते-संभलते बहूँ बनके नीर,
नही अग्र मुझसे कोई थाम लूं गुजरती समीर ।
तजकर सकल मोह जन-मन से,
जलाकर हौसले की लौ तन-तन में,
रत्नाकर-सा चंचल जीवन
कठिन कुछ नहीं
मेरे लिए,
आशा यही उठी सुहाने सवेरे लिए
शिखर शीश झुकाता मेरे पथ पर,
संयम-धैर्य-धीरज धरकर
पथ निर्मित कर दूँ
गहन वन में, गहन वन में, गहन वन में ।

©purvarth #पवित्र_प्रेम
गम न था मुझे उसके जाने का,
मौसम न था उनके आने का,
जख्म थे ढेरों इस दिल के आशियाने में,
दम गया मेरा जब नम निगाहें जा टिकी कल के आईने में ।
रिश्तें-नातों ने बेआवाज तोड़ी प्रेम जंजीर,
रास्ते कलरव पर दिल बधीर,
हंसते हुए भी था मैं गंभीर,
ढलते-उठते-संभलते बहूँ बनके नीर,
नही अग्र मुझसे कोई थाम लूं गुजरती समीर ।
तजकर सकल मोह जन-मन से,
जलाकर हौसले की लौ तन-तन में,
रत्नाकर-सा चंचल जीवन
कठिन कुछ नहीं
मेरे लिए,
आशा यही उठी सुहाने सवेरे लिए
शिखर शीश झुकाता मेरे पथ पर,
संयम-धैर्य-धीरज धरकर
पथ निर्मित कर दूँ
गहन वन में, गहन वन में, गहन वन में ।

©purvarth #पवित्र_प्रेम