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' पलों का भरोसा नहीं ' पलों का भरोसा नहीं आखिर इं

' पलों का भरोसा नहीं '

पलों का भरोसा नहीं
आखिर इंसान ही तो हैं हम।

जितना जियो खुशमिजाज हो जियो,
हर इन्सान है परेशान यहां, है यहां सभी को गम।

रख सके कोई दिल में तुम्हें,
ऐसी उसके दिल पर अपनी छाप छोड़ो।

जो करें कदर तुम्हारी रखो दिल में उन्हें, 
जो करें इग्नोर तुम्हें,उनसे अपनी अलग राह मोड़ो।

माफ करना और माफी मांगना, 
हमारे संस्कारों को दर्शाता है।

जो इंसान इन दोनों करता है,
वो हर किसी के दिल को भाता है।

कुछ नहीं अपना इस दुनिया में यहां,
फिर किस बात का है हमें अहम्।

पलों का भरोसा नहीं
आखिर इंसान ही तो हैं हम...

Happy new year to all of you 
and your loved ones

©Ravindra Singh
  ' पलों का भरोसा नहीं '

पलों का भरोसा नहीं
आखिर इंसान ही तो हैं हम।

जितना जियो खुशमिजाज हो जियो,
हर इन्सान है परेशान यहां, है यहां सभी को गम।

' पलों का भरोसा नहीं ' पलों का भरोसा नहीं आखिर इंसान ही तो हैं हम। जितना जियो खुशमिजाज हो जियो, हर इन्सान है परेशान यहां, है यहां सभी को गम। #Poetry

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