महबूब के अरमां को चकनाचूर कर दिया । यू ही रिश्ते क

महबूब के अरमां को चकनाचूर कर दिया ।
यू ही रिश्ते के लिए कदम बढ़ाया तुमने बदनाम कर दिया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गया।।
#hakim #hakimuddin #अरमान
#yqshayari #हिंदी_साहित्य  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Hakim Khan
Collaborating with Naina Sharma
महबूब के अरमां को चकनाचूर कर दिया ।
यू ही रिश्ते के लिए कदम बढ़ाया तुमने बदनाम कर दिया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गया।।
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## मैं तुम्हारा अरमां सजाना चाहता हूं ##
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
मैं तुम्हारा आशियाना बचाना चाहता हूं,
तुम उजाड़ने पर तुले हो।
मैं तुम्हारा अरमां सजाना चाहता हूं,
तुम   बिखेरने   पर   तुले  हो।
बर्बाद होते तुम्हारे जिंदगी को,
मैं  संवारना   चाहता  हूं।
मैं तुम्हारे छलकते हुए मन में,
मोहब्बत   जगाना    चाहता   हूं।
तुम्हारे अरमानों में छुपे भविष्य को,
कविताओं में दर्शाना चाहता हूं।
हम सब एक थे और एक हैं,
मैं यही बताना चाहता हूं।
टूकडों में कब तक बंटे रहोगे,
मैं सभी को साथ लाना चाहता हूं।
कैसे  समझाऊं  मैं भारत  माता को,
रिश्तो में मैं मिठास लाना चाहता हूं।
मैं प्रमोद अनजान दिलों में भी, 
रिश्ते बसाना चाहता हूं।
मैं तुम्हारा अरमां सजाना चाहता हूं।।
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
प्रमोद मालाकार कि पेशकश
23.12.23

©pramod malakar
  #मैं तुम्हारे अरमान सजाना चाहता हूं।
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मैं तुम्हारे अरमान सजाना चाहता हूं।

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मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गय
मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गय
महबूब के अरमां को चकनाचूर कर दिया ।
यू ही रिश्ते के लिए कदम बढ़ाया तुमने बदनाम कर दिया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गय
महबूब के अरमां को चकनाचूर कर दिया ।
यू ही रिश्ते के लिए कदम बढ़ाया तुमने बदनाम कर दिया।। मैंने अरमान सजाया था तुम्हारे लिए ,
मगर तुमने  ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
अब अश्क बहाने से क्या होगा 
तुम ना मिली , तो  मैं किसी और का हो गय
लगी है बद्दुआ मुझे उन गुलाबों की..!!
जिनको तोड़ा था मैंने तुम्हारे लिए..!!
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL लगी है बद्दुआ मुझे उन गुलाबों की..!!जिनको तोड़ा था मैंने तुम्हारे लिए..!!

#S...
लगी है बद्दुआ मुझे उन गुलाबों की..!!
जिनको तोड़ा था मैंने तुम्हारे लिए..!!
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL लगी है बद्दुआ मुझे उन गुलाबों की..!!जिनको तोड़ा था मैंने तुम्हारे लिए..!!

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