बम गोले जो दाग रहा है, मानवता को मार रहा है। जितनी तेज रौशनी दिखती कोई उससे ज्यादा चीख रहा है। कुछ हजार ही लोग मरे हैं थोड़े से ही घर उजड़े हैं। कुछ सपनों कत्ल हुआ है, ड्योढ़ी पर यमराज खड़े हैं। कोई उजड़ा मांग देख लो, क्रंदित करता ऑंख देख लो। उन सपनों का अब क्या होगा, उन स्वप्नों की ओर देख लो। ©Sumit Mishra युद्ध की विभीषिका #MusicLove