रात के साए में सजते ख़्वाब, आसमान से जुड़े बेहिसाब। हकीकत की ज़मीन से दूर, आँखों में बुनते हैं नूर। बस एक उम्मीद का गुरूर। ©Avinash Jha #आशियाना #ख्वाब