White काश इतना ही आसान होता प्रेम , जितना कोई भी सामान लेना होता है। खरीद लेता मैं अपने हिस्से का प्रेम। मेरा अपना नाम लिखा होता उस प्रेम पर, कोई भी मुझे आहत नहीं करता, ये नहीं जताता कि मेरा प्रेम कमतर है झूठ नहीं बोलता। मुझे इस अंधेरी खाई में कोई नहीं धकेलता रोज, जहां से निकल ही नहीं पाता मैं सबसे बड़ी बात, पूरी आजादी से प्रेम कर पाता, अपनी तरह, कोई ऐसा अपना शायद मैं खरीद ही पाता। लुटा देता अपनी सारी दौलत, अपना सब कुछ। शायद ...... ©mautila registan(Naveen Pandey) #Thinking #poetry #love