White पटाखों की आवाज़ से ज्यादा जरूरी है दीए जलाना, छप्पन भोगों से ज्यादा जरूरी है भूखों को खिलाना। क्या ऊंच नीच क्या अमीरी गरीबी छोड़ो है छलावा, दीपोत्सव के पावन पर्व को मिल जुल करके मानना। ©एस पी "हुड्डन" #शुभ_दीपावली