ठोकरें खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब है, साहब.. वरना रास्ते के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा कर देते हैं.. ©J S T C रास्ते का पत्थर का फ़र्ज़