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जब भी बात आई चूमने की। क्यों इतने सवाल आते हैं। च

जब भी बात आई चूमने की।
क्यों इतने सवाल  आते हैं।
चूमना सिर्फ वासना का प्रतीक नही।
 स्नेह, अपनापन, समर्पण।
निश्चलता का भी उदाहरण है।
किसी से भी करते हैं प्रेम।
तो ये भी प्रेम के एक भाव होते हैं। 
जब चूमते हैं किसी के माथे को।
जैसे निश्चलता उमड़ती है।
जब चूमते हैं किसी के पांव।
 तो सम्मान झलकता है।
जब चूमते हैं जब किसी का हाथ।
उस पर गुमान होता है।
जब चूमते हैं गाल।
प्यार और अपनापन आता है।
किसी के लबों तक आती है जब बात।
जो उसके मन को छू लेते है।
उस पर हक सा लगता है।
जो एक दूसरे के लिए विश्वास समर्पण।
के भाव दर्शाता है।
जो दो लोगो को करीब ले आती है।
और प्रेम के लिए एक कड़ी बन जाती है।
अब बात है सब लोगो की।
सबका अपना नजरिया है
वो प्रेम को कैसे समझता है 
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj
  बोसा