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Best अनुराज Shayari, Status, Quotes, Stories

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Anuraag Bhardwaj

#short_shyari

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White फिर एक शाम होगी।
जो तेरे नाम होगी।
रहेगी फुर्सत दोनो को।
लंबी मुलाकात होगी।
कैसी कटी जिंदगी दोनो की।
हर मुद्दे पर बात होगी।
तफसील से सुनना मेरी।
मौन रहने की कीमत
एक दिन चुकानी पड़ेगी।
मुझसे हो रही दूरी।
तुम्हे भारी पड़ेगी।
याद करने से भी। 
नही आयेगी याद मेरी।
तस्वीर मेरी धुंधली होगी।
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #short_shyari

Anuraag Bhardwaj

#lightning

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आजकल उसका मेरा रिश्ता।
बड़ा formal सा हो गया है।
कैसे हो और सब कैसे हैं।
जैसे और कोई बात नही बची।
मगर फिर भी जताया जा रहा है
मुझे फिक्र है तुम्हारी।
इस फिक्र में अपनेपन से जायदा।
एक जबरदस्ती सी झलकती है।
ये बताने को अब भी हम वैसे ही है।
मगर क्या सच में ही वैसे ही है।
नही अब अपनेपन का हक सा।
 नजर नही आता तुम्हारी बातो में।
एक खाना पूर्ति पूरी कर रही हो जैसे।
अब लगता है वो दौर आयेगा भी नही 
जहा हक जताने की जरूरत नहीं पड़ती थी। 
वक्त बेवक्त अनजाने में होती थी सब बाते।
हो सकता है  वक्त के सब कुछ बदल जाता हो।
 या हमारा नजरिया बदल जाता हो।
मगर वो अपनापन वो गुजरे लम्हे।
कही ना कही चिढ़ाते रहते हैं मन को।
और हम अपने दिल को झूठी तसल्ली देते हैं। 
नहीं कुछ नही बदला। 
जो वाक्य में ही बदल चुका होता है।
देर सवेर ये दौर सबकी जिंदगी में भी आता है। 
ये हम पर निर्भर करता है।
 हम सच्चाई को स्वीकार करते हैं।
या नजरंदाज करते हैं ।
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #lightning

Anuraag Bhardwaj

#lovelight

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orange string love light कुछ स्त्रियां।
कभी बूढ़ी नही होती।
ना तन से न मन से।
ना विचारो से।
ना व्यवहार से।
ना स्वभाव।
बरसो बाद भी देखो तो।
साल बढ़ रहे होते हैं
मगर उम्र ठहर गई हो।
वही स्फूर्ति।
वही ताज़गी।
वही सादगी।
वही खूबसूरती।
वैसी ही मुस्कुराहट। 
जो बरसों से बरकरार हो।
चुंबकीय व्यक्तित्व।
कोई भी अनायास खींचा चला जाए।
अदाएं ऐसी की स्तब्ध हो जाए।
बाते मानों दिल पर वार करती जाए।
हां सच में कुछ स्त्रियां।
कभी बूढ़ी नही होती।
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #lovelight

Anuraag Bhardwaj

#GateLight

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Stranger
क्या कभी सुना शादीशुदा stranger।
आज कल एक नया trend शुरू हो गया।
जहा पति पत्नी साथ होकर भी साथ नहीं होते।
निभाते हैं हर रिश्ता मगर दिल नहीं मिलते।
कोशिश नहीं करते  एक दूसरे को समझने की।
बन कर अजनबी रात गुजार देते हैं
 बात किए ना जाने  कितने दिन गुजर जाते हैं।
बना कर डाकिया बच्चो को।
एक दूसरे से काम करवाए जाते हैं।
कभी बच्चो के लिए कभी मा बाप की खातिर।
खुद को बांध लेते हैं।
कभी विचारो की लड़ाई कभी स्वाभिमान की।
बस खुद साबित करने में लग जाते हैं।
बंद कमरों में कैद हो जाती चींखें।
बाथरूम में आंसूओ के सैलाब आते है।
बस दिखावे में गुजरती है ज़िन्दगी।
पूछ लेता है जब भी कोई हाल दिल का।
सब ठीक है कह कर लीपापोती  करते हैं।
सौ सौ बहाने बनाते हैं साथ साथ जाने में।
झूठ बातों से रिश्ते निभाए जाते हैं।
बोझ समझ कर ढोहते है अपनी ज़िंदगी।
दिल कैसे कैसे समझाए जाते हैं।
बना लेते हैं अपना अपना दायरा।
बस खुद में सिमट जाते हैं।
फिर ढूंढते हैं दोस्ती बाहर जा कर।
कुछ अनजान रिश्ते बना लेते हैं।
पति पत्नी भी stranger बन जाते हैं।
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #GateLight

Anuraag Bhardwaj

#MoonShayari

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जब  किसी को सोचते हैं
फिर एक ख्याल आता है
जिसे उतार दिया जाता है
कागज पर।
जब कोई पढ़ता है  उस ख्याल को।
वो ख्याल छा जाता हैं
 उसके दिल में।
एक एहसास बन कर।
वो एहसास जोड़ देता है उसे।
उस शख्स की कल्पना से।
और कही ना कही।
वो एक एक लब्ज़ मानो 
उसे ही सोच कर लिखे गए हो।
जो लब्ज़ जो बोले ना जा सके हो।
समझे ना जा सके हो।
वही लब्ज़ एक जरिया बन
 जोड़ देते हैं दोनो को।
जो कभी मिले ना।
कभी बात ना हुई है।
बस एक एहसास  एक ख्याल है।
जो जोड़ो हुए  दो अजनबियों को।
ना कोई आस  ना कोई उम्मीद।
फिर भी कभी न खत्म।
होने वाला इंतजार। 
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #MoonShayari

Anuraag Bhardwaj

#lonely

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कभी कभी सोचता हूं
आंसुओ की कीमत नही।
बेकार ही आंसुओ को बहाया जाता है
कोई समझता नही।
कोई पोछता नही।
जानकर वजह भी अनजान बन जाते हैं
ये कमबख्त आंसू भी 
जैसे मौके को तलाश में होते हैं
जब कोई याद आता है
किसी का ख्याल आ जाता है
कोई ऐसी बात कर जाता है
बस टपकना शुरू।
ना मौका देखते ना जगह देखते।
हां कुछ आंसू समझदार होते हैं
हमेशा अकेले में निकलते हैं
किसी कोने में या तकिए के ऊपर।
काश की इन आंसुओ की कीमत होती।
एक एक आंसू  पोछने वालो का तांता लग जाता।
तो शायद फिर आंसुओ के भी नखरे होते।
निकलते ही नही।
खैर आंसू आंसू ही निकलेगे।
मगर ये दुआ इस बार आंसू खुशी के लिए हो
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #lonely

Anuraag Bhardwaj

#lightning

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मन जब भी अपनी मनमानी करता है।
हमें औरो से अलग कर देता है।
कभी भीड़ में भी तन्हा कर देता है।
और कभी अकेले में मौज मिल जाती है।
कभी हम ढूंढ़ते हैं किसी को ।
अपने मन की सुनाने की खातिर।
कभी हम छुप जाते हैं सभी से।
अपने मन की बात छुपने की खातिर।
सब खेल मन ही रचाता है।
कभी किसी को करीब।
किसी को दूर ले जाता है।
मन की चंचलता सब पर भारी पड़ जाती है।
कभी कोई बहुत बुरा हो कर भी।
हमे अच्छा लगता है लेकिन क्यों।
कभी कोई इतनी फिकर करता है।
लेकिन मन को नहीं भाता।
मन एक अथाह समुद्र है।
जिसमे विचारो की कश्तियां हिलोरे खाती है।
मंथन करता है मन अपने आप से।
कभी करता है अपनी मर्जी।
कभी करता है चालकिया।
सही गलत भूल कर।
जिसे वो पसंद करता है उसे चाहता है।
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #lightning

Anuraag Bhardwaj

#sadak

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मन जब भी अपनी मनमानी करता है।
हमें औरो से अलग कर देता है।
कभी भीड़ में भी तन्हा कर देता है।
और कभी अकेले में मौज मिल जाती है।
कभी हम ढूंढ़ते हैं किसी को ।
अपने मन की सुनाने की खातिर।
कभी हम छुप जाते हैं सभी से।
अपने मन की बात छुपने की खातिर।
सब खेल मन ही रचाता है।
कभी किसी को करीब।
किसी को दूर ले जाता है।
मन की चंचलता सब पर भारी पड़ जाती है।
कभी कोई बहुत बुरा हो कर भी।
हमे अच्छा लगता है लेकिन क्यों।
कभी कोई इतनी फिकर करता है।
लेकिन मन को नहीं भाता।
मन एक अथाह समुद्र है।
जिसमे विचारो की कश्तियां हिलोरे खाती है।
मंथन करता है मन अपने आप से।
कभी करता है अपनी मर्जी।
कभी करता है चालकिया।
सही गलत भूल कर।
जिसे वो पसंद करता है उसे चाहता है।
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #sadak

Anuraag Bhardwaj

#CityWinter

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ये नई genration क्या चाहती है
पूछो तो कुछ नही बताती है
कुछ नही कह कर खामोश हो जाती है
ना वक्त पर खाना ना वक्त पर सोना।
कुछ कहो तो ego hurt हो जाती है
घुसी रहती है phone और laptop में।
हर बात को नजरंदाज कर दी जाती है
जल्दी हो जाती है dpress।
जरा जरा सी बात पर रोने लग जाती है
दोस्त ही हो गए सब कुछ इनके।
मम्मी तो अजनबी हो जाती है
पापा से तो रहता 36 का आंकड़ा।
उनकी हर बात चुभ जाती है
Pizza momos प्रिय भोजन है इनके
खाने की थाली रोज भरी रह जाती है
Privacy में जरा सा भी बर्दाश्त नहीं दखल इनको।
झट से बात बिगड़ जाती है
चुप रहो कुछ मालूम नही आपको।
बिना कुछ कहे बेज्जती हो जाती है
हमारी genration ही क्यों ऐसी है
पहले सुनते रहे मां बाप की।
अब बच्चो की सुननी पड़ जाती है 
#अनुराज

©Anuraag Bhardwaj #CityWinter

Anuraag Bhardwaj

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