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मजबूरियां समझू तेरी या शोक से तू दूर है मजबूरियां

मजबूरियां समझू तेरी या शोक से तू दूर है 
मजबूरियां ..................या शोक से तू दूर है
तेरा ये दीवाना आज भी तेरे नाम से मसहूर है 
की तेरे नाम से मसहूर है 
#ank rao
कल तक मिलता रहा यूँ साथ जिसका
उसे अब अपनी तन्हाईयो का ही गुरूर है 
दिल भी मेरा ठुकरा दिया न मेरी महेंदी उसके काम की
आज गैर की महेंदी लगी है और गैर का सिंदूर है

सबकी खुशियाँ चाहने वाला आज खुद में ही मगरूर है 
मेरी खुशियों की चाबी आज मुझ से ही अब दूर है 
की मेरी खुशियों की चाबी मुझ से ही अब दूर है 
प्यार करना नशा ह यहाँ पर 
और नशे से अब हम दूर हैं ,  कि नशे से अब हम दूर है

खुशियां जिसकी चाही थी हमने उसी ने ग़म का पढ़ा पाठ दिया 
जीवन भर का मांगा था जिससे उसने कुछ ही पल का साथ दिया
प्रेम धागे में बंधकर वो  तड़पे थे दिन रात यूँ
कि आज उनकी खुशी की खातिर मैने धागा ही वो काट दिया 
कि धागा ही वो काट दिया
मजबूरियां समझू तेरी या शोक से तू दूर है 
मजबूरियां ..................या शोक से तू दूर है
तेरा ये दीवाना आज भी तेरे नाम से मसहूर है 
की तेरे नाम से मसहूर है 
#ank rao
कल तक मिलता रहा यूँ साथ जिसका
उसे अब अपनी तन्हाईयो का ही गुरूर है 
दिल भी मेरा ठुकरा दिया न मेरी महेंदी उसके काम की
आज गैर की महेंदी लगी है और गैर का सिंदूर है

सबकी खुशियाँ चाहने वाला आज खुद में ही मगरूर है 
मेरी खुशियों की चाबी आज मुझ से ही अब दूर है 
की मेरी खुशियों की चाबी मुझ से ही अब दूर है 
प्यार करना नशा ह यहाँ पर 
और नशे से अब हम दूर हैं ,  कि नशे से अब हम दूर है

खुशियां जिसकी चाही थी हमने उसी ने ग़म का पढ़ा पाठ दिया 
जीवन भर का मांगा था जिससे उसने कुछ ही पल का साथ दिया
प्रेम धागे में बंधकर वो  तड़पे थे दिन रात यूँ
कि आज उनकी खुशी की खातिर मैने धागा ही वो काट दिया 
कि धागा ही वो काट दिया