White ग़ज़ल :- ज़िन्दगी पास दिखाई दी है एक आवाज सुनाई दी है जिसके ख्यालों में सदा ही खोया रात ख्वाबों में दिखाई दी है दर्द से कांपता था वह दिन भर मौत ने जिसको रिहाई दी है मिलके आया हूँ हकीमों से अब दर्द की एक दवाई दी है जन्मदिन पर हमारे वे आकर ढेरों खुशियों की बधाई दी है बात मत करना वफ़ा की हमसे फिर नई चोट दिखाई दी है रख के पत्थर कलेजे पर उसने आज बेटी को विदाई दी है फूल ही फूल खिले जीवन में बस प्रखर सबने दुहाई दी है महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- ज़िन्दगी पास दिखाई दी है एक आवाज सुनाई दी है जिसके ख्यालों में सदा ही खोया रात ख्वाबों में दिखाई दी है दर्द से कांपता था वह दिन भर मौत ने जिसको रिहाई दी है