World Poetry Day 21 March तुमसे मिलके लगता है जिंदगी, मुझे जीने की जरूरत, पहले से कुछ ज्यादा है। रुह को होता है एहसास कि,अब दुनिया खूबसूरत, पहले से कुछ ज्यादा है।। बड़ा अरमां था आप-सा कोई आए मेरी जिंदगी में कभी तो, आपसे मिलने के बाद ,अब मुझे ये चाहत,पहले से कुछ ज्यादा है यूं तो गुजरे हैं बहुत से मौसम बसंती जिंदगी के सफर में मगर, आपके इंतजार में बीत रहे, इन लम्हों की अहमियत, पहले से कुछ ज्यादा है। लोग कहते हैं कि उपरवाले ने बख्शा है मुझे हुनर औ शौक शायरी का, लेकिन आपसे रूबरू होके लगा,मुझपे ये इनायत, पहले से कुछ ज्यादा है। -भारद्वाज #World Poetry Day