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पहले वाली जैसी अब वो बात ना रही, प्यार में वो स

पहले वाली जैसी 
अब वो बात ना रही,
  प्यार में वो सच्चाई ना रही।

मन किसी के प्रति
इज्जत ना रही,
 बड़े-बूजर्गों की भी शर्म ना रही।

माता-पिता रोते रहते
पहले वाली जैसी बहू बेटी ना रही,
मुंह अपना छुपाते फिरते
पहले जैसी पर्दे वाली बात न रही।

सर्रे आम बात करती
पहले वाली नार ना रही,
अर्द्ध नग्न शरीर
पहले जैसे कपड़ों वाली बात ना रही।

बात-बात पर झगड़े करते
अब समझौते वाली ना रही,
कोर्ट में जाकर शादी करते
पहले वाली जैसी शर्म-हया ना रही।

पहले पिता सीना चौड़ा करके निकलते थे
अब नजरें मिलाने वाली बात ना रही,

बड़ों का फैसला आखिरी होया करता
उनकी जीवन में कद्र ना रही।

पहले सारे मिलकर साथ खाया करते
बड़ों से नजर चुराया करते
एक-दूसरे से डरा करते
अब पहले वाली संस्कृति ना रही,

पहले सारे मिलकर रहा करते
ना ही किसी के सामने बोला करते
पहले जैसी वाली उम्मीद ना रही।

©Shishpal Chauhan #पहले वाली_बात ना रही
पहले वाली जैसी 
अब वो बात ना रही,
  प्यार में वो सच्चाई ना रही।

मन किसी के प्रति
इज्जत ना रही,
 बड़े-बूजर्गों की भी शर्म ना रही।

माता-पिता रोते रहते
पहले वाली जैसी बहू बेटी ना रही,
मुंह अपना छुपाते फिरते
पहले जैसी पर्दे वाली बात न रही।

सर्रे आम बात करती
पहले वाली नार ना रही,
अर्द्ध नग्न शरीर
पहले जैसे कपड़ों वाली बात ना रही।

बात-बात पर झगड़े करते
अब समझौते वाली ना रही,
कोर्ट में जाकर शादी करते
पहले वाली जैसी शर्म-हया ना रही।

पहले पिता सीना चौड़ा करके निकलते थे
अब नजरें मिलाने वाली बात ना रही,

बड़ों का फैसला आखिरी होया करता
उनकी जीवन में कद्र ना रही।

पहले सारे मिलकर साथ खाया करते
बड़ों से नजर चुराया करते
एक-दूसरे से डरा करते
अब पहले वाली संस्कृति ना रही,

पहले सारे मिलकर रहा करते
ना ही किसी के सामने बोला करते
पहले जैसी वाली उम्मीद ना रही।

©Shishpal Chauhan #पहले वाली_बात ना रही

#पहले वाली_बात ना रही #कविता