पहले मुँह बनाकर थोड़े गुस्से से बोली, पता नही हर वक्र क्या सोचते रहते हों!!. फ़िर थोड़े से प्यार से मुस्कुराकर बोली, सुनो ना !! मेरे बारे में भी कुछ लिख दो ना!, बिना वक्त गवाए झट से मैंने कहा.. आदत नहीं तुम्हें कविताए पढ़ने की, मेरी लिखी रचना समझने की. पढ़ती अगर तुम मन लगाके दिल से, तो आज ये बात न करती मुझसे. लिखता हूं मैं जो भी, उस हर रचना में तेरी ही बात हैं रहती. माना के हरवक्त तू मेरे साथ नही रहती, पर तेरी यादें हैं जो हरपल मेरे साथ हैं रहती. मेरे बारे में #collabratingwithyourquoteandmine #yqhindi #yqdidi #hindipoetry #yqlovequotes #प्यार_की_बाते #collab #योगेश पहले मुँह बनाकर थोड़े गुस्से से बोली, पता नही हर वक्र क्या सोचते रहते हों!!. फ़िर थोड़े से प्यार से मुस्कुराकर बोली, सुनो ना !! मेरे बारे में भी कुछ लिख दो ना!, बिना वक्त गवाए झट से मैंने कहा.. आदत नहीं तुम्हें कविताए पढ़ने की,