कहना था कि मुहब्बत है, रूह तेरी बनना है, हाथों को पकड़कर तेरे साथ साथ चलना है, धीमे धीमे छूता जाए कभी तू मेरी रूह हो, यूँ ही तेरे पास आकर सांस सांस ढलना है। ©सखी #कहना #चलना #मुहब्बत #साथ #सांस #ढलना