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ओम भज, ओम भज ओम भज, ओम भज सब रूपों में तूं ही विर

ओम भज, ओम भज 
ओम भज, ओम भज
सब रूपों में तूं ही विराजत, 
बरसन लागे अमिय रस
ओम भज.....
अकार उकार मकार को समझो 
बिन समझे न मिले सच 
ओम भज.....
ब्रम्ह स्वरूप है सार सबद को
स्वाद जरा इनका चख
ओम भज.....
मन भटकावत चारो दिशा को
"सूर्य" तनक तो समझ रख
ओम भज.….

©R K Mishra " सूर्य "
  #ओम#भज  Neel Sethi Ji Balwinder Pal Rama Goswami Ayesha Aarya Singh