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White कहानी: "सच्चाई का रास्ता" एक छोटे से गाँव म

White कहानी: "सच्चाई का रास्ता"

एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम मोहन था। मोहन गरीब था, लेकिन बहुत ईमानदार और मेहनती था। वह हर दिन अपने छोटे से खेत में काम करता और दिन के अंत में घर लौट आता। गाँव में एक बडी ज़मीन का मालिक था, उसका नाम रघु था। रघु बहुत अमीर और लालची था।

एक दिन रघु ने मोहन से कहा, "अगर तुम मेरी ज़मीन पर काम करोगे, तो मैं तुम्हें ढेर सारे पैसे दूँगा।" मोहन ने सोचा कि वह ये काम कर सकता है, लेकिन उसके मन में एक शंका थी। उसने रघु से पूछा, "आपकी ज़मीन पर काम करना ठीक है, लेकिन अगर कुछ गलत हुआ तो?"

रघु हंसते हुए बोला, "तुम चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा।"

मोहन ने काम शुरू कर दिया, लेकिन जल्दी ही उसे एहसास हुआ कि रघु के खेत में कुछ गलत हो रहा है। रघु उसे ज़मीन के बीच में से कुछ गड्ढे भरने का कहता था, लेकिन मोहन को लगता था कि वहाँ कुछ छुपाया जा रहा था। एक दिन मोहन ने वह गड्ढा खोला और देखा कि वहाँ से सोने की छड़ें और कुछ अन्य मूल्यवान चीजें निकलीं।

मोहन को समझ में आ गया कि रघु चोरी कर रहा था। उसे दुविधा हुई। अगर वह सच बताता है, तो रघु उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा। लेकिन मोहन ने अपनी आत्मा से समझौता न करने का निर्णय लिया।

वह गाँव के मुखिया के पास गया और सारी सच्चाई बता दी। मुखिया ने रघु को सजा दिलवायी। मोहन को उसके ईमानदारी के लिए सम्मानित किया गया।

मोहन ने सीखा कि सच्चाई का रास्ता भले ही कठिन हो, लेकिन अंत में वही सबसे सही होता है।

©Pooja #Moral story
White कहानी: "सच्चाई का रास्ता"

एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम मोहन था। मोहन गरीब था, लेकिन बहुत ईमानदार और मेहनती था। वह हर दिन अपने छोटे से खेत में काम करता और दिन के अंत में घर लौट आता। गाँव में एक बडी ज़मीन का मालिक था, उसका नाम रघु था। रघु बहुत अमीर और लालची था।

एक दिन रघु ने मोहन से कहा, "अगर तुम मेरी ज़मीन पर काम करोगे, तो मैं तुम्हें ढेर सारे पैसे दूँगा।" मोहन ने सोचा कि वह ये काम कर सकता है, लेकिन उसके मन में एक शंका थी। उसने रघु से पूछा, "आपकी ज़मीन पर काम करना ठीक है, लेकिन अगर कुछ गलत हुआ तो?"

रघु हंसते हुए बोला, "तुम चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा।"

मोहन ने काम शुरू कर दिया, लेकिन जल्दी ही उसे एहसास हुआ कि रघु के खेत में कुछ गलत हो रहा है। रघु उसे ज़मीन के बीच में से कुछ गड्ढे भरने का कहता था, लेकिन मोहन को लगता था कि वहाँ कुछ छुपाया जा रहा था। एक दिन मोहन ने वह गड्ढा खोला और देखा कि वहाँ से सोने की छड़ें और कुछ अन्य मूल्यवान चीजें निकलीं।

मोहन को समझ में आ गया कि रघु चोरी कर रहा था। उसे दुविधा हुई। अगर वह सच बताता है, तो रघु उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा। लेकिन मोहन ने अपनी आत्मा से समझौता न करने का निर्णय लिया।

वह गाँव के मुखिया के पास गया और सारी सच्चाई बता दी। मुखिया ने रघु को सजा दिलवायी। मोहन को उसके ईमानदारी के लिए सम्मानित किया गया।

मोहन ने सीखा कि सच्चाई का रास्ता भले ही कठिन हो, लेकिन अंत में वही सबसे सही होता है।

©Pooja #Moral story
dharampal1190

Pooja

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