Nojoto: Largest Storytelling Platform
dharampal1190
  • 118Stories
  • 17Followers
  • 1.5KLove
    15.1KViews

Pooja

  • Popular
  • Latest
  • Video
959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White **अनोखी दोस्ती**

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम राहुल था। राहुल को जानवरों से बहुत प्यार था। उसके पास एक प्यारा कुत्ता था, जिसका नाम शेरू था। राहुल और शेरू पूरे दिन साथ खेलते थे और एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे।

एक दिन, गाँव में मेला लगा। राहुल ने अपने माता-पिता से मेले में जाने की इजाजत मांगी। माता-पिता ने कहा, "तुम जा सकते हो, लेकिन शेरू को भी साथ ले जाना।" राहुल खुशी-खुशी शेरू को साथ लेकर मेला गया।

मेले में बहुत सारी चीजें थीं - झूले, मिठाई, खिलौने, और बहुत सारे लोग। राहुल और शेरू ने खूब मजा किया। लेकिन अचानक, शेरू भीड़ में कहीं खो गया। राहुल घबरा गया और शेरू को ढूंढने लगा।

राहुल ने मेला का चक्कर लगाया, लेकिन शेरू कहीं नहीं मिला। आखिरकार, राहुल ने हार मान ली और एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगा। तभी, एक बूढ़ी औरत वहां से गुजरी और राहुल से पूछा, "बेटा, क्या हुआ?"

राहुल ने अपनी पूरी कहानी सुनाई। बूढ़ी औरत ने मुस्कुराते हुए कहा, "डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगी।" उन्होंने अपने साथ लाए हुए एक छोटे से बक्से को खोला और उसमें से एक जादुई सीटी निकाली। उन्होंने कहा, "इस सीटी को बजाओ, तुम्हारा दोस्त वापस आ जाएगा।"

राहुल ने सीटी बजाई, और कुछ ही पलों में शेरू दौड़ता हुआ राहुल के पास आ गया। राहुल ने खुशी से शेरू को गले लगा लिया और बूढ़ी औरत का धन्यवाद किया। बूढ़ी औरत ने कहा, "याद रखना, सच्ची दोस्ती में जादू होता है।"

राहुल और शेरू खुशी-खुशी घर वापस आ गए। उस दिन के बाद, राहुल ने सीखा कि सच्ची दोस्ती कभी भी टूट नहीं सकती, चाहे कुछ भी हो जाए।

©Pooja
  #Moral story
959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White एक गाँव में एक छोटा बच्चा, रामू, रहता था। रामू बहुत ही जिज्ञासु और मेहनती था। उसकी माँ उसे रोज़ सुबह खेतों में काम करने के लिए भेजती थी। एक दिन, खेत में काम करते हुए, रामू को एक पुराना घड़ा मिला। घड़ा बहुत ही सुंदर और अनोखा था।

रामू ने उस घड़े को घर ले जाकर माँ को दिखाया। माँ ने घड़े को देखा और कहा, "यह घड़ा बहुत पुराना लगता है। शायद इसमें कोई रहस्य छिपा हो।"

रामू ने घड़े को साफ किया और उसमें पानी भरा। जैसे ही उसने घड़े में पानी डाला, घड़ा चमकने लगा और उसमें से एक जिन्न निकला। जिन्न ने कहा, "धन्यवाद, रामू! तुमने मुझे इस घड़े से मुक्त किया। अब मैं तुम्हारी तीन इच्छाएँ पूरी करूँगा।"

रामू बहुत खुश हुआ। उसने सोचा और कहा, "पहली इच्छा है कि हमारे गाँव में कभी भी खाने की कमी न हो।"

जिन्न ने अपनी जादुई छड़ी घुमाई और गाँव में भरपूर अन्न पैदा होने लगा। रामू ने दूसरी इच्छा मांगी, "मैं चाहता हूँ कि मेरे माता-पिता हमेशा स्वस्थ और खुश रहें।"

जिन्न ने फिर से अपनी जादुई छड़ी घुमाई और रामू के माता-पिता तुरंत स्वस्थ और खुश हो गए। तीसरी इच्छा के लिए रामू ने सोचा और कहा, "मैं चाहता हूँ कि पूरे गाँव के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें।"

जिन्न ने मुस्कुराते हुए अपनी जादुई छड़ी घुमाई और गाँव में एक सुंदर स्कूल बन गया। 

रामू और उसके गाँव के लोग जिन्न के धन्यवाद से बहुत खुश हुए और उन्होंने जिन्न को धन्यवाद दिया। जिन्न ने रामू को आशीर्वाद दिया और कहा, "तुम्हारे अच्छे दिल और मेहनत के कारण तुम्हारा जीवन हमेशा खुशहाल रहेगा।"

रामू ने सीखा कि सच्ची मेहनत और अच्छे विचार हमेशा अच्छे परिणाम लाते हैं।

©Pooja
  #Moral story
959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White ### एक सच्ची दोस्ती

एक छोटे से गाँव में अर्जुन और विक्रम नाम के दो लड़के रहते थे। दोनों बचपन के दोस्त थे और हमेशा साथ खेलते थे। उनका दोस्ती का रिश्ता बहुत गहरा था, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति में बहुत अंतर था। अर्जुन के पिता गाँव के सबसे अमीर व्यापारी थे, जबकि विक्रम के पिता एक गरीब किसान थे।

एक दिन, गाँव में एक मेला लगा। अर्जुन ने विक्रम से कहा, "विक्रम, चलो मेला देखने चलते हैं। वहाँ बहुत मज़ा आएगा।"

विक्रम ने उत्तर दिया, "अर्जुन, मेरे पास पैसे नहीं हैं। मैं कैसे जाऊँ?"

अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हें पैसे की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हारे लिए सब कुछ ले लूंगा। चलो, देर मत करो।"

दोनों दोस्त मेले में पहुंचे और वहाँ की हर चीज का आनंद लिया। अर्जुन ने विक्रम के लिए खाने-पीने की चीजें खरीदीं और कुछ खिलौने भी। विक्रम ने मन ही मन सोचा, "अर्जुन कितना अच्छा दोस्त है।"

वापस लौटते समय, अर्जुन ने विक्रम से कहा, "विक्रम, मुझे लगता है कि हमारी दोस्ती सच्ची और अमूल्य है। हमें हमेशा एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।"

विक्रम ने सहमति में सिर हिलाया और कहा, "हाँ अर्जुन, सच्ची दोस्ती धन-दौलत से नहीं मापी जाती। तुमने आज यह साबित कर दिया।"

समय बीतता गया और दोनों दोस्त बड़े हो गए। अर्जुन अपने पिता के व्यापार में हाथ बँटाने लगा और विक्रम अपने पिता के खेत में काम करने लगा। लेकिन उनकी दोस्ती में कभी कोई कमी नहीं आई। 

एक दिन गाँव में बाढ़ आ गई और विक्रम का घर और खेत पानी में बह गए। अर्जुन ने बिना किसी देरी के अपने पिता से बात की और विक्रम के परिवार को अपने घर में रहने के लिए बुला लिया। अर्जुन के पिता ने भी दिल खोलकर उनका स्वागत किया।

विक्रम ने अर्जुन से कहा, "तुम्हारा एहसान मैं कभी नहीं भूलूंगा, अर्जुन। तुमने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चे दोस्त कैसे होते हैं।"

अर्जुन ने हंसते हुए कहा, "यह कोई एहसान नहीं है, विक्रम। यह तो हमारा कर्तव्य है।"

इस तरह अर्जुन और विक्रम की दोस्ती ने साबित कर दिया कि सच्ची दोस्ती हर मुश्किल का सामना कर सकती है और हर हाल में एक-दूसरे का साथ देती है।

©Pooja
  #Moral story

Moral story

959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White **ईमानदारी की जीत**

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक ईमानदार किसान रहता था। राम का परिवार बहुत गरीब था, लेकिन राम ने कभी भी किसी की चीज़ चुराने या गलत तरीके से पैसे कमाने की कोशिश नहीं की। 

एक दिन, राम खेत में काम कर रहा था जब उसे एक चमचमाती सोने की अंगूठी मिली। राम ने सोचा कि यह अंगूठी किसी गाँववाले की हो सकती है। उसने गाँव में सभी से पूछा, लेकिन किसी ने दावा नहीं किया कि वह अंगूठी उनकी है।

राम ने तय किया कि वह उस अंगूठी को गाँव के सरपंच के पास ले जाएगा। सरपंच ने भी गाँव में घोषणा कराई, लेकिन कोई भी अंगूठी का मालिक नहीं मिला। सरपंच ने राम से कहा, "राम, तुम इस अंगूठी को अपने पास रख लो। यह तुम्हारी ईमानदारी का इनाम है।"

राम ने अंगूठी ले ली, लेकिन उसने सोचा कि उसे इस अंगूठी से किसी की मदद करनी चाहिए। उसने अंगूठी को बेच दिया और उससे मिले पैसे से गाँव के स्कूल की मरम्मत करवा दी और कुछ पैसे गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर दिए।

कुछ महीनों बाद, गाँव में एक अमीर व्यापारी आया। उसने सरपंच से कहा, "मैंने यहाँ कुछ महीने पहले एक सोने की अंगूठी खो दी थी। क्या किसी को वह मिली है?" सरपंच ने राम को बुलाया और व्यापारी से मिलवाया।

राम ने व्यापारी को पूरी कहानी सुनाई। व्यापारी ने राम की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे इनाम के रूप में दस सोने की मुद्राएँ दीं। राम ने वह मुद्राएँ भी गाँव के विकास और गरीबों की मदद के लिए खर्च कर दीं।

इस प्रकार, राम की ईमानदारी और निस्वार्थता ने उसे गाँव में एक आदर्श बना दिया और सभी ने उसकी प्रशंसा की। ईमानदारी की जीत ने गाँव में एक नई दिशा दिखाई और सबने राम के पदचिन्हों पर चलना शुरू किया।

**शिक्षा:** इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी और निस्वार्थता हमेशा जीतती है और समाज में आदर व सम्मान दिलाती है।

©Pooja
  #Moral story
959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White ### नया जीवन

**रामू** एक छोटे से गाँव का रहने वाला था। वह एक साधारण किसान था, जो अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी जीवन बिता रहा था। एक दिन, गाँव में एक बड़ी बाढ़ आ गई और रामू का घर पूरी तरह से नष्ट हो गया। उसकी सारी फसलें बर्बाद हो गईं और परिवार के पास कुछ भी नहीं बचा।

**रामू** ने अपने परिवार को संभालते हुए सोचा कि अब क्या करना चाहिए। गाँव के मुखिया ने उसे सुझाव दिया कि वह शहर में जाकर कुछ काम ढूंढे। रामू ने अपने परिवार से विदा ली और शहर की ओर चल पड़ा।

शहर में पहुँचते ही रामू ने देखा कि यहाँ जीवन बहुत तेज़ी से चलता है। उसने कई जगहों पर काम की तलाश की, लेकिन हर जगह उसे निराशा ही हाथ लगी। एक दिन, उसने एक निर्माणाधीन इमारत के पास काम के लिए पूछताछ की। वहाँ के ठेकेदार ने उसे मजदूरी का काम दे दिया।

**रामू** मेहनती और ईमानदार था। उसने पूरी लगन के साथ काम किया और जल्द ही ठेकेदार की नजर में आ गया। उसकी मेहनत को देखते हुए ठेकेदार ने उसे स्थायी नौकरी दे दी। रामू ने धीरे-धीरे पैसे जमा करना शुरू किया और गाँव में अपने परिवार को पैसे भेजना शुरू किया।

कुछ महीनों बाद, रामू को एक और बड़ा मौका मिला। एक बड़े व्यवसायी ने उसकी मेहनत और ईमानदारी को देखते हुए उसे अपने फार्महाउस की देखभाल की जिम्मेदारी दी। रामू ने यह काम भी पूरी निष्ठा के साथ किया और व्यवसायी के दिल में अपनी जगह बना ली।

समय बीतता गया और रामू की मेहनत रंग लाई। उसने अपने परिवार के लिए नया घर बनवाया और उन्हें शहर में अपने पास बुला लिया। अब रामू का परिवार खुशहाल था और उन्होंने अपने जीवन को नए सिरे से शुरू किया।

**निष्कर्ष** यह है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, मेहनत और ईमानदारी से हम हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं। रामू की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष ही सफलता की कुंजी है।

©Pooja
  #Moral story

Moral story

959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White ### गाँव की बचपन की यादें

गाँव का नाम स्नेहपुर था। वहाँ एक छोटा सा बच्चा, रवि, अपने माता-पिता और दादी के साथ रहता था। स्नेहपुर एक शांत और सुंदर गाँव था, जहाँ हरियाली और प्यार की कोई कमी नहीं थी। रवि की उम्र केवल दस साल थी, पर उसकी चंचलता और मासूमियत सबका दिल जीत लेती थी।

हर सुबह, रवि अपनी दादी के साथ गाँव के मंदिर जाता था। मंदिर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था, जिसकी छाँव में बैठकर दादी उसे पुरानी कहानियाँ सुनाया करती थी। रवि को उन कहानियों में बहुत मज़ा आता था। उसकी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते वह सपनों की दुनिया में खो जाता था।

एक दिन, रवि ने सुना कि गाँव में मेला लगने वाला है। वह बहुत खुश हुआ और तुरंत अपनी माँ के पास दौड़ता हुआ गया। माँ ने उसे बताया कि मेले में बहुत सारी मिठाइयाँ, खिलौने, और झूले होंगे। रवि की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 

मेले वाले दिन, रवि ने अपनी सबसे प्यारी शर्ट पहनी और पूरे परिवार के साथ मेले गया। वहाँ उसने गुब्बारे, चाट और अपनी पसंदीदा मिठाई, जलेबी खाई। मेले में उसने एक खिलौना भालू देखा, जो उसे बहुत पसंद आया। उसके पिता ने उसकी खुशी देखकर वह भालू उसे दिला दिया।

शाम को, जब रवि अपने खिलौने के साथ घर लौटा, तो वह बहुत थक गया था। उसने भालू को अपने पास रखा और अपनी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते सो गया। 

उस रात, रवि ने सपने में देखा कि वह अपने नए भालू के साथ जादुई जंगल में घूम रहा है, जहाँ पेड़ों पर चॉकलेट और जमीन पर मिठाईयाँ बिखरी हुई हैं। 

इस तरह, स्नेहपुर में रवि का बचपन हँसी-खुशी और प्यारी यादों से भरा हुआ था। गाँव की सरलता और दादी की कहानियाँ उसके जीवन को खास बनाती थीं। 

और इस तरह, रवि के बचपन की मीठी यादें हमेशा उसके दिल में बसी रहीं।

©Pooja
  #Moral story

Moral story

959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White ### कहानी: भोलू और उसका सपना

गाँव के एक छोटे से घर में भोलू नाम का एक लड़का रहता था। भोलू बहुत ही साधारण परिवार से था, लेकिन उसके सपने बहुत बड़े थे। उसे आसमान में उड़ते हुए हवाई जहाज बहुत पसंद थे। जब भी कोई हवाई जहाज उसके गाँव के ऊपर से उड़ता, वह उसकी ओर टकटकी लगाकर देखता रहता।

एक दिन भोलू ने अपने पिता से कहा, "पिताजी, मैं भी बड़ा होकर पायलट बनना चाहता हूँ।" उसके पिता मुस्कुराते हुए बोले, "सपने देखना अच्छी बात है बेटा, लेकिन उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।"

भोलू ने ठान लिया कि वह पायलट बनकर ही रहेगा। गाँव के स्कूल में पढ़ाई पूरी करने के बाद, भोलू शहर की ओर निकल पड़ा। वहां उसने एक पार्ट-टाइम नौकरी की और साथ ही साथ पायलट बनने के लिए कोर्स किया।

भोलू की मेहनत और समर्पण रंग लाए। वह पायलट बनने में सफल हो गया। एक दिन, जब वह अपने गाँव के ऊपर से हवाई जहाज उड़ा रहा था, उसने देखा कि उसके पिता आकाश की ओर देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे। भोलू ने विमान को झुका कर उन्हें सलाम किया।

गाँव में सभी लोग भोलू पर गर्व महसूस कर रहे थे। भोलू ने साबित कर दिया कि यदि आप अपने सपनों के प्रति समर्पित रहते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो कोई भी सपना पूरा हो सकता है।

### शिक्षा:
भोलू की कहानी हमें सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और दृढ़ संकल्प आवश्यक है। सपनों का पीछा करने से हमें कभी नहीं डरना चाहिए, क्योंकि मेहनत और समर्पण से सब कुछ संभव है।

©Pooja
  #Moral story

Moral story

959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White ### एक छोटी सी कहानी: **दोस्ती का अनमोल तोहफा**

एक छोटे से गाँव में, दो दोस्त रहते थे - राम और श्याम। दोनों की दोस्ती बचपन से ही थी और उनकी एक-दूसरे के प्रति निष्ठा और प्रेम अद्वितीय था।

एक दिन, गाँव के पास के जंगल में आग लग गई। आग तेजी से फैल रही थी और गाँव के लोग भयभीत थे। राम और श्याम दोनों ने मिलकर गाँववालों की मदद करने का निश्चय किया। वे अपने घरों से बाल्टियाँ लेकर पानी भर-भर कर आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े।

श्याम की एक टांग थोड़ी कमजोर थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी और राम के साथ-साथ आग बुझाने में जुट गया। वे दोनों बिना रुके, बिना थके, गाँव के लोगों की मदद करते रहे। राम ने देखा कि श्याम थक गया है, लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। राम ने श्याम को अपने कंधे पर बैठा लिया और दोनों मिलकर आग बुझाने लगे।

उनकी इस निष्ठा और साहस को देखकर गाँव के बाकी लोग भी प्रेरित हुए और सब मिलकर आग बुझाने लगे। थोड़ी देर में आग बुझ गई और गाँव के लोग सुरक्षित हो गए। सभी ने राम और श्याम की तारीफ की और उनकी दोस्ती का आदर किया।

इस घटना के बाद, राम और श्याम की दोस्ती और भी गहरी हो गई। वे दोनों समझ गए कि सच्ची दोस्ती वह होती है, जो कठिन समय में एक-दूसरे के साथ खड़ी रहती है। गाँव के लोग उनकी इस दोस्ती की मिसाल देने लगे और दोनों को सच्चे मित्रों के रूप में सम्मानित किया।

इस प्रकार, राम और श्याम की दोस्ती ने सबको यह सिखाया कि सच्चा मित्र वही होता है, जो मुश्किल समय में साथ खड़ा रहता है और बिना किसी स्वार्थ के मदद करता है।

©Pooja
  #Moral story

Moral story

959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White ### सच्ची मित्रता

गांव का एक लड़का था, जिसका नाम मोहन था। मोहन का स्वभाव बहुत ही सरल और दयालु था। गांव में उसके कई दोस्त थे, लेकिन उसका सबसे अच्छा दोस्त था रामू। दोनों बचपन से ही एक साथ खेलते, पढ़ते और हर काम में एक-दूसरे की मदद करते थे।

एक दिन गांव में एक बड़ा मेला लगा। मोहन और रामू भी मेले में जाने की योजना बनाने लगे। मेले में तरह-तरह की चीजें थीं: झूले, मिठाई की दुकानें, खिलौने, और भी बहुत कुछ। मोहन के पास थोड़े पैसे थे, लेकिन रामू के पास नहीं थे। रामू उदास हो गया क्योंकि वह मेले का आनंद नहीं ले पा रहा था।

मोहन ने रामू की उदासी देखी और बिना कुछ सोचे-समझे अपने पैसे उसे दे दिए। "तू भी मजे कर," मोहन ने कहा। रामू ने पहले मना किया, लेकिन मोहन के जोर देने पर उसने पैसे ले लिए और दोनों मेले में खूब आनंद लेने लगे।

मेले के बाद जब वे घर लौट रहे थे, अचानक बारिश होने लगी। दोनों ने दौड़कर एक पेड़ के नीचे शरण ली। बारिश इतनी तेज थी कि रास्ता कीचड़ से भर गया। मोहन का घर पास में था, लेकिन रामू का घर दूर था। मोहन ने रामू से कहा, "तू मेरे घर चल, बारिश रुकने के बाद अपने घर चला जाना।"

रामू मोहन के घर गया, और वहां उसकी मां ने उन्हें गर्म दूध और मिठाई दी। रामू ने मोहन को धन्यवाद दिया और कहा, "तेरी मित्रता सच्च

©Pooja
  #Moral story

Moral story

959af39f393b847ec5ddfef91a559e15

Pooja

White नीलिमा एक छोटे से गाँव में रहती थी। वह गाँव बहुत ही सुंदर था, हरे-भरे खेतों और नीले आसमान के बीच बसा हुआ। नीलिमा को पढ़ाई का बहुत शौक था, लेकिन गाँव में केवल एक ही प्राथमिक स्कूल था और वहाँ आगे की पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।

नीलिमा के पिता किसान थे और उनका मानना था कि लड़कियों को ज्यादा पढ़ाई-लिखाई की जरूरत नहीं होती। लेकिन नीलिमा के मन में कुछ और ही था। वह बड़े शहर में जाकर पढ़ाई करना चाहती थी और कुछ बड़ा बनना चाहती थी।

एक दिन गाँव में एक नई शिक्षिका आईं। उनका नाम सुजाता था। सुजाता ने नीलिमा की लगन और मेहनत को देखा और उसकी मदद करने का निश्चय किया। उन्होंने नीलिमा के पिता को समझाया कि अगर नीलिमा को मौका मिले तो वह गाँव का नाम रोशन कर सकती है।

कई दिनों की मेहनत और समझाइश के बाद, नीलिमा के पिता मान गए और उन्होंने नीलिमा को शहर भेजने का फैसला किया। नीलिमा के लिए यह एक सपने के सच होने जैसा था। 

शहर में नीलिमा ने कड़ी मेहनत की और अपनी पढ़ाई में अव्वल आई। उसकी सफलता की खबर जब गाँव में पहुँची, तो सभी गर्व से भर गए। नीलिमा ने न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे गाँव का नाम रोशन किया।

सालों बाद, नीलिमा एक सफल इंजीनियर बनकर अपने गाँव वापस आई। उसने गाँव में एक बड़ा स्कूल बनवाया, ताकि और भी लड़कियाँ अपने सपनों को पूरा कर सकें।

इस तरह, नीलिमा की मेहनत और सपनों ने न केवल उसकी, बल्कि उसके गाँव की भी किस्मत बदल दी।

©Pooja
  # Moral story
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile