जाने कैसे खुद को संभाला उसने होगा। उलझे बालों को संवारा उसने होगा।। कुछ तो दर्द हुआ होगा कलाईयों के मुड़ने पर जाने कैसे चुडियों को उतारा उसने होगा।। भीगी आँखों का वो फैला सा काजल रो रो के पगली ने निकाला कैसे होगा।। खुरच खुरचकर ही तो दिलों जेहन से अपने अपने ही खुदा को निकाला कैसे होगा।। कौंध जाती होगी ना माथे की लाली छुपाने को मांग सूनी यकीनन माथे पे अपना दुप्पटा डाला कैसे होगा।। कहीं डरी सहमी बैठी होगी छुपके खुदा कौन अब रखवाला उसका होगा।। सुलझाती होगी उलझे बालों को अपने फिर महकते फूलों को निकाला उसने होगा। अंधेरे में देखती होंगी ना नज़रे जीवन में कही उजाला उसके होगा।। love life