Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुझमें छुपी मैं कहता है वाक़िफ है हर पहलु से मे



मुझमें छुपी मैं

कहता है वाक़िफ है हर पहलु से मेरे, 
मेरे वजूद का इक पन्ना तक कभी पढ़ा नहीं, 
हूं, मैं उसके लिए उस किताब की तरह, 
उसने जो कभी खोली तक नहीं, 
हासिल है उसे ये जिस्म, 
मुझमें बसी मैं से कभी मिला नहीं,

मेरी हंसी में छिपी नमी, 
मेरी तन्हाइयों में मचा शोर, 
मेरे अंदर छुपी वो बिगड़ी सी बच्ची, 
या फिर वो ख्वाब जो कभी छूटे नहीं, 
काश कभी वो  जान पाता मुझको, 
तो मैं भी मुकम्मल हो जाती कहीं।

©shiva... jha
  #मैं Ravi Ranjan Kumar Kausik Priyanshi Negi PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' Hardik Mahajan कवि संतोष बड़कुर