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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“19/1/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”*

*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“19/1/2022”*📚
🖋️*“बुधवार”* 🌟

कभी सोचा है उन “माता-पिता” के “विषय” के बारे में जिन्होंने उस “परिवार का निर्माण” किया,जिन्होंने अपनी “संतान” को 
“सहेज” कर रखा,
उस “संतान को पाला-पोसा”,
“बड़ा किया”,कभी सोचा है उनके “विषय” में,“जीवन” में जब भी ऐसी कोई 
“भावना” या “सोच” आपके “मन” में आए,
जिसके कारण आप अपने “परिवार” से नाता तक तोड़ने चले जाओ,आप स्वयं को वही रोक दीजिए,स्वयं को स्मरण करवाइए,
अपने “माता-पिता” के विषय में,आपका ये “आवेश” में आना,आपका यह “स्वार्थ”,
यह सब उनके समक्ष बहुत ही “छोटा” है,
और ध्यान रखना “जीवन” में
 “परिवार से बढ़कर” कुछ नहीं होता है,
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“19/1/2022”*📚
🖋️ *“बुधवार”* 🌟

*#“माता-पिता”*

*#“परिवार”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“19/1/2022”*📚
🖋️*“बुधवार”* 🌟

कभी सोचा है उन “माता-पिता” के “विषय” के बारे में जिन्होंने उस “परिवार का निर्माण” किया,जिन्होंने अपनी “संतान” को 
“सहेज” कर रखा,
उस “संतान को पाला-पोसा”,
“बड़ा किया”,कभी सोचा है उनके “विषय” में,“जीवन” में जब भी ऐसी कोई 
“भावना” या “सोच” आपके “मन” में आए,
जिसके कारण आप अपने “परिवार” से नाता तक तोड़ने चले जाओ,आप स्वयं को वही रोक दीजिए,स्वयं को स्मरण करवाइए,
अपने “माता-पिता” के विषय में,आपका ये “आवेश” में आना,आपका यह “स्वार्थ”,
यह सब उनके समक्ष बहुत ही “छोटा” है,
और ध्यान रखना “जीवन” में
 “परिवार से बढ़कर” कुछ नहीं होता है,
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“19/1/2022”*📚
🖋️ *“बुधवार”* 🌟

*#“माता-पिता”*

*#“परिवार”*
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Atul Sharma

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