आज हंसते हो मेरी कविता पर, मेरी लेखनी पर, मेरे विचारों पर कल शायद रो पड़ोगे मेरे एक एक वर्ण पर, शब्द पर, वाक्य पर हां अभी कच्चा हूं मासूम कविता लिखता हूं, कल लिखूंगा, सत्य पर, शोक पर, द्वेष पर देश पर। मैं जब रोते बिलखते किसान पर लिखूंगा तो खाना नहीं खा पाओगे जब लिखूंगा आपसी द्वेष वैमनस्य पर दुश्मन को भी गले लगाओगे देश हित मे जीवन देते जवानों को लिखूंगा तो गर्व और जोश से भर जाओगे विपदा में होते हुए सत्य लिखूंगा तुम सच्चे बन जाओगे। हाहाकार मचाओगे जब वीर रस लिखूंगा प्रेम करोगे जब श्रृंगार लिखूंगा अश्रु को सियाही बना विछोह लिखूंगा तुम रो लेना मन भर साहस भी दूंगा मेरा लेखन सीढ़ी है समाज के कल्याण की ये जानकर सत्य और श्रम को अपने कर्मो में डालकर जब करोगे आदर मेरा हृदय से प्रेम बरसाकर सिद्ध होगा मेरा जीवन , लेखन अपनाकर। ©mautila registan लेखक का स्वप्न #Hope #nojohindi #nojoquotes #hindi_poem #hindi_poetry