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मैं दीपक सा जलता रहा, तेर

मैं दीपक सा जलता रहा, 
                        तेरी नुमायत रौशन करने के लिए।
सादगी मेरी बिखरती गई 
                           तेरी खुशियों को भरने के लिए।
शीला कुछ  यू देगी, मुझे मालूम न था।
मैं खुद को बदलता गया 
                         तेरे रुह मे उतरने के लिए। रद्दी शायर
मैं दीपक सा जलता रहा, 
                        तेरी नुमायत रौशन करने के लिए।
सादगी मेरी बिखरती गई 
                           तेरी खुशियों को भरने के लिए।
शीला कुछ  यू देगी, मुझे मालूम न था।
मैं खुद को बदलता गया 
                         तेरे रुह मे उतरने के लिए। रद्दी शायर

रद्दी शायर #शायरी