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हिंदुस्तान बार अनेकों बटा मगर पर अब न मैं बट सकता

हिंदुस्तान
बार अनेकों बटा मगर
पर अब न मैं बट सकता हूँ।
भारत का यह अंतिम स्वरूप,
अब किंचित सिकुड़ न सकता हूँ।

हिंदुस्तान बार अनेकों बटा मगर पर अब न मैं बट सकता हूँ। भारत का यह अंतिम स्वरूप, अब किंचित सिकुड़ न सकता हूँ। #desh_prem

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