मेरी बात सुनकर के प्रिय तुम नाराज न होना, हुई खता मुझसे है पर मेरे हालात समझो ना। शहर में लगा था कर्फ्यू मैं समय से आ नहीं पाई, भरा सुनसान पसरा था शहर का हर कोना कोना।। © मृत्युंजय तारकेश्वर दुबे। आशिक़ी #RaysOfHope