देखो दरख़्तों के साए भी ढलने लगे फ़क़त इंतज़ार की शाम नहीं ढलती देखो दरख़्तों के साए भी ढलने लगे फ़क़त इंतज़ार की शाम नहीं ढलती! ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐 ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।