हर दफा इतनी देर लगाता क्यूँ है, देर लगती है तो फिर जाता क्यूँ है, आग जलती है तो जला देती है सर्दी बज़्म से, तू खुद को आग में जलाता क्यों है, जहाँ मिलती है आशना, वहीं हो जाती शाम, पांव इतने भी कहीं जमाता क्यूँ है, कहा ज़रयुन ने कि जागना जगाकर सो जाना, अगर सोना है तो फिर जगाता क्यों है.....!— % & हर दफा इतनी देर लगाता क्यूँ है....?