Nojoto: Largest Storytelling Platform

My dream ख़्वाब बीते कल क्यों दुहराते हैं जगा कर नी

My dream ख़्वाब बीते कल क्यों दुहराते हैं
जगा कर नींद से क्यों रुलाते हैं
कभी होता ऐसा की नये ख़्वाब बनते
नींद में भी मुस्कुराने की वजह बनते
खोई है जिन होंठो की हसीं
उन होठों पर चार चांद सजाते
काश सपनो की दुनिया में हम नया गीत गुनगुनाते

©Adarsh k Tanmay #Dreams
ख़्वाब बीते कल क्यों दुहराते हैं
My dream ख़्वाब बीते कल क्यों दुहराते हैं
जगा कर नींद से क्यों रुलाते हैं
कभी होता ऐसा की नये ख़्वाब बनते
नींद में भी मुस्कुराने की वजह बनते
खोई है जिन होंठो की हसीं
उन होठों पर चार चांद सजाते
काश सपनो की दुनिया में हम नया गीत गुनगुनाते

©Adarsh k Tanmay #Dreams
ख़्वाब बीते कल क्यों दुहराते हैं