छात्रों को लॉज से,कमरे से निकाल कर पीटा गया,फिर भी गणमान्य मौन हैं,यह धृष्टता तानाशाह के ताबूत की आखिरी कील होगी। सरकार जागती है,अपने कानून वापस लेती है लेकिन तब तक कई घर उजड़ चुके होते हैं, कईयों के सपने मसल दिए जाते हैं।जब आप चार किलो आटा और 2 जीबी डाटा लेकर सरकार के हर गलत फ़ैसले को सही साबित करने के लिए अपने दोस्त,यार, सहपाठियों से गाली गलौज,थूकम पैजार कर लेते हैं तो सरकार आपके शह पर निरंकुश हो जाती है।सरकार से सवाल पूछना हमारा अधिकार भी है और कर्तव्य भी।हर आंदोलन को सिर्फ़ अराजक तत्वों के द्वारा किया गया आंदोलन कह कर दबाया नहीं जा सकता।सरकारी नौकरी की तैयारी आदमी मजबूरी में करता है क्योंकि गरीब घर के लड़के को मध्यम वर्ग में आने का यह समुचित रास्ता दिखता है,परंतु बेरोजगारी का आलम,बढ़ता कंपटीशन, सड़ा हुआ सिस्टम,लाल फीताशाही,अनियंत्रित नौकरशाह,लाश पर रोटी सेंकने वाले नेताओं के कारण सरकारी नौकरी के चक्कर में युवाओं की ज़िंदगी,जवानी,ऊर्जा सब बर्बाद हो रही है।सरकार को रोजगार सृजन, रोजगारोन्मुख शिक्षा के लिए पहल करना चाहिए।वही सड़ी हुई शिक्षा पद्धति के कारण अधिकतर युवा पढ़े लिखे होने के बाद भी उद्यम कौशल से से अनभिज्ञ हैं।गांधी को वो मानते नहीं,गांधीगिरी से वो सुनते नहीं,इस बहरी सरकार को सुनाने के लिए वक्त आ गया है कि भगत सिंह का तरीका अख़्तियार किया जाय और डंके की चोट पर बात रखी जाय— % & #life #injustice #yqbaba #yqhindi #yqdidi #