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जुदाई🍁😔 अल्फ़ाज़ ही नही है क्या बताऊँ मैं। दर्द तो

जुदाई🍁😔
अल्फ़ाज़ ही नही है क्या बताऊँ मैं।
दर्द तो बेहिसाब है लेकिन अब कहाँ जताऊं मैं।
उसने खो दिया मुझे जब ख़्याल उन्हें मुझे छोड़ने का आया।
बेझिझक कह ही दिया उन्होंने मगर अब सवाल मुझसे मुँह मोड़ने का आया।
मसला मोहब्बत का नही बेइंतेहा मोहब्बत थी उन्हें भी।
अक्सर जो मुझे सब अकेला छोड़ जाते हैं उन्हें  रस्म यह निभानी थी उन्हें भी।
काश मोहब्बत मैने बेइंतेहा जताई न होती।
वो जो हमसे जुदा हुई है तो शायद ये रुसवाई न होती।
करूँगा नशा शराब का___बेज़ार हो जाऊंगा मैं।
सांसो तक इंतज़ार करूँगा मैं और एक दिन खुद इंतजार हो जाऊँगा मैं।
-दीपक मीणा गोठवाल

©deep जुदाई🍁😔
अल्फ़ाज़ ही नही है क्या बताऊँ मैं।
दर्द तो बेहिसाब है लेकिन अब कहाँ जताऊं मैं।
उसने खो दिया मुझे जब ख़्याल उन्हें मुझे छोड़ने का आया।
बेझिझक कह ही दिया उन्होंने मगर अब सवाल मुझसे मुँह मोड़ने का आया।
मसला मोहब्बत का नही बेइंतेहा मोहब्बत थी उन्हें भी।
अक्सर जो मुझे सब अकेला छोड़ जाते हैं उन्हें  रस्म यह निभानी थी उन्हें भी।
काश मोहब्बत मैने बेइंतेहा जताई न होती।
जुदाई🍁😔
अल्फ़ाज़ ही नही है क्या बताऊँ मैं।
दर्द तो बेहिसाब है लेकिन अब कहाँ जताऊं मैं।
उसने खो दिया मुझे जब ख़्याल उन्हें मुझे छोड़ने का आया।
बेझिझक कह ही दिया उन्होंने मगर अब सवाल मुझसे मुँह मोड़ने का आया।
मसला मोहब्बत का नही बेइंतेहा मोहब्बत थी उन्हें भी।
अक्सर जो मुझे सब अकेला छोड़ जाते हैं उन्हें  रस्म यह निभानी थी उन्हें भी।
काश मोहब्बत मैने बेइंतेहा जताई न होती।
वो जो हमसे जुदा हुई है तो शायद ये रुसवाई न होती।
करूँगा नशा शराब का___बेज़ार हो जाऊंगा मैं।
सांसो तक इंतज़ार करूँगा मैं और एक दिन खुद इंतजार हो जाऊँगा मैं।
-दीपक मीणा गोठवाल

©deep जुदाई🍁😔
अल्फ़ाज़ ही नही है क्या बताऊँ मैं।
दर्द तो बेहिसाब है लेकिन अब कहाँ जताऊं मैं।
उसने खो दिया मुझे जब ख़्याल उन्हें मुझे छोड़ने का आया।
बेझिझक कह ही दिया उन्होंने मगर अब सवाल मुझसे मुँह मोड़ने का आया।
मसला मोहब्बत का नही बेइंतेहा मोहब्बत थी उन्हें भी।
अक्सर जो मुझे सब अकेला छोड़ जाते हैं उन्हें  रस्म यह निभानी थी उन्हें भी।
काश मोहब्बत मैने बेइंतेहा जताई न होती।

जुदाई🍁😔 अल्फ़ाज़ ही नही है क्या बताऊँ मैं। दर्द तो बेहिसाब है लेकिन अब कहाँ जताऊं मैं। उसने खो दिया मुझे जब ख़्याल उन्हें मुझे छोड़ने का आया। बेझिझक कह ही दिया उन्होंने मगर अब सवाल मुझसे मुँह मोड़ने का आया। मसला मोहब्बत का नही बेइंतेहा मोहब्बत थी उन्हें भी। अक्सर जो मुझे सब अकेला छोड़ जाते हैं उन्हें रस्म यह निभानी थी उन्हें भी। काश मोहब्बत मैने बेइंतेहा जताई न होती। #Love #Instagram #Har #Baat #poem #Dard #NationalSimplicityDay #deepakmeenagothwalpoetry #heartlesssultana