बीस-इक्कीस विदा लेकर हम-सब से है अब जाने वाला। आशाओं, अभिलाषाओं संग बाईस है अब आने वाला।। जन, जग की सारी पीड़ाएं हर कर है हर्षाने वाला। भोर नवल नव किरणों के संग जीवन में है छाने वाला।। छोड़ अतीत के अवसादों को राह नई दिखलाने वाला। पतझड़ से जीवन वन में बासंती रंग बिखराने वाला।। स्नेहिल हर संबंध बना कर, सुख आरोग्य लुटाने वाला। मंगलमय हो हम-सब का, शुभ आशीष है बरसाने वाला।। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki आंग्ल नववर्ष की अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं #HappyNewYear