White बालों में अब चाँदनी आ गई है चेहरे पर शबनमी बुंदे ठहर रही है लबों पर खुशकी तारी है चेहरे पर अमावस आ गई है आंखों में सिर्फ काली पुतलीयां रह गई है कानों में अब सुवह की चह-चहाहट नही आती मैं पैरो से ज़मी महसूस नहीं कर पाता हाँथों से मेरे एक दाना नहीं उठता मैं बूढ़ा हो गया हूँ। ©Ahmad Raza #मैं बूढ़ा हो गया हूं