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नही पहन पाया जीवन मे अपने कभी वो जय माला बनने गया

नही पहन पाया जीवन मे अपने कभी वो जय माला
बनने गया था मधु लेकिन वो बन बैठा था बस हाला
ईर्ष्या द्वेष में आ उसने जब पांच शिशु को मार दिया
पाप लगा वन वन भटका वो तिरष्कार की ले ज्वाला

©sukoon
  #अश्वत्थामा