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Jyotirmayee Sarkar

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sukoon

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VED PRAKASH 73

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Ajay Amitabh Suman

#अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,#द्रोणाचार्य, #शकुनि, #Mahabharata,#Duryodhan,Mythology,#Epic कौरव सेना को एक विशाल बरगद सदृश्य रक्षण प्रदान करने वाले गुरु द्रोणाचार्य का जब छल से वध कर दिया गया तब कौरवों की सेना में निराशा का भाव छा गया। कौरव पक्ष के महारथियों के पाँव रण क्षेत्र से उखड़ चले। उस क्षण किसी भी महारथी में युद्ध के मैदान में टिके रहने की क्षमता नहीं रह गई थी । शल्य, कृतवर्मा, कृपाचार्य, शकुनि और स्वयं दुर्योधन आदि भी भयग्रस्त हो युद्ध भूमि छोड़कर भाग खड़े हुए। सबसे आश्चर्य की बात तो #कविता

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©Ajay Amitabh Suman #अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,#द्रोणाचार्य, #शकुनि, #Mahabharata,#Duryodhan,#Mythology,#Epic 

 कौरव सेना को एक विशाल बरगद सदृश्य रक्षण प्रदान करने वाले गुरु द्रोणाचार्य का जब छल से वध कर दिया गया तब कौरवों की सेना में निराशा का भाव छा गया। कौरव पक्ष के महारथियों के पाँव रण क्षेत्र से उखड़ चले। उस क्षण किसी भी महारथी में युद्ध के मैदान में टिके रहने की क्षमता नहीं रह गई थी । शल्य, कृतवर्मा, कृपाचार्य, शकुनि और स्वयं दुर्योधन आदि भी भयग्रस्त हो युद्ध भूमि छोड़कर भाग खड़े हुए। सबसे आश्चर्य की बात तो

Ajay Amitabh Suman

#अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,#द्रोणाचार्य, #दुर्योधन,#Ashvatthama,#Mahabharata,#Duryodhan,Mythology दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-37 =============== महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य की उम्र लगभग चार सौ साल की थी। उनका वर्ण श्यामल था, किंतु सर से कानों तक छूते दुग्ध की भाँति श्वेत केश उनके मुख मंडल की शोभा बढ़ाते थे। अति वृद्ध होने के बावजूद वो युद्ध में सोलह साल के तरुण की भांति हीं रण कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे। गुरु द्रोण का पराक्रम ऐसा था कि उनका वध ठीक वैसे हीं असंभव माना जा रहा था जैसे कि सूर #कविता

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©Ajay Amitabh Suman #अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,#द्रोणाचार्य,
#दुर्योधन,#Ashvatthama,#Mahabharata,#Duryodhan,#Mythology 

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-37
===============
महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य की उम्र लगभग चार सौ साल की थी। उनका वर्ण श्यामल था, किंतु सर से कानों तक छूते दुग्ध की भाँति श्वेत केश उनके मुख मंडल की शोभा बढ़ाते थे। अति वृद्ध होने के बावजूद वो युद्ध में सोलह साल के तरुण की भांति हीं रण कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे। गुरु द्रोण का पराक्रम ऐसा था कि उनका वध ठीक वैसे हीं असंभव माना जा रहा था जैसे कि सूर

Ajay Amitabh Suman

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-36 #अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत, #दुर्योधन #पौराणिक,#Ashvatthama, #Mahabharata,#Duryodhan,Mythology, #Epic द्रोण को सहसा अपने पुत्र अश्वत्थामा की मृत्यु के समाचार पर विश्वास नहीं हुआ। परंतु ये समाचार जब उन्होंने धर्मराज के मुख से सुना तब संदेह का कोई कारण नहीं बचा। इस समाचार को सुनकर गुरु द्रोणाचार्य के मन में इस संसार के प्रति विरक्ति पैदा हो गई। उनके लिये जीत और हार का कोई मतलब नहीं रह गया था। इस निराशा भरी विरक्त अवस्था में गुरु द्रोणाचार्य ने अपने अस्त्रों और शस #कविता

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©Ajay Amitabh Suman दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-36 #अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,
#दुर्योधन #पौराणिक,#Ashvatthama, #Mahabharata,#Duryodhan,#Mythology, #Epic 

द्रोण को सहसा अपने पुत्र अश्वत्थामा की मृत्यु के समाचार पर विश्वास नहीं हुआ। परंतु ये समाचार जब उन्होंने धर्मराज के मुख से सुना तब संदेह का कोई कारण नहीं बचा। इस समाचार को सुनकर गुरु द्रोणाचार्य के मन में इस संसार के प्रति विरक्ति पैदा हो गई। उनके लिये जीत और हार का कोई मतलब नहीं रह गया था। इस निराशा भरी विरक्त अवस्था में गुरु द्रोणाचार्य  ने अपने अस्त्रों और शस

Ajay Amitabh Suman

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-35 #अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,#द्रोणाचार्य,#पौराणिक,#Ashvatthama, #Mahabharata,#Duryodhan,Mythology,#Epic किसी व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य जब मृत्यु के निकट पहुँच कर भी पूर्ण हो जाता है तब उसकी मृत्यु उसे ज्यादा परेशान नहीं कर पाती। अश्वत्थामा भी दुर्योधनको एक शांति पूर्ण मृत्यु प्रदान करने की ईक्छा से उसको स्वयं द्वारा पांडवों के मारे जाने का समाचार सुनाता है, जिसके लिए दुर्योधन ने आजीवन कामना की थी । युद्ध भूमि में घायल पड़ा दुर्योधन जब अश्वत् #कविता

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©Ajay Amitabh Suman दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-35 #अश्वत्थामा,#द्रोणवध,#महाभारत,#द्रोणाचार्य,#पौराणिक,#Ashvatthama, #Mahabharata,#Duryodhan,#Mythology,#Epic 

किसी व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य जब मृत्यु के निकट पहुँच कर भी पूर्ण  हो जाता है  तब उसकी  मृत्यु उसे ज्यादा परेशान नहीं कर पाती। अश्वत्थामा भी दुर्योधनको एक शांति पूर्ण  मृत्यु  प्रदान  करने  की  ईक्छा से उसको स्वयं  द्वारा  पांडवों के मारे जाने का समाचार  सुनाता है, जिसके  लिए दुर्योधन ने आजीवन कामना की  थी । युद्ध भूमि में   घायल   पड़ा    दुर्योधन   जब  अश्वत्

Ajay Amitabh Suman

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Ajay Amitabh Suman

#वीरत्व #पुरुषार्थ #पराक्रम #वीरत्व #दुर्योधन #अश्वत्थामा #कृतवर्मा #महाभारत Poetry #kavita इस क्षणभंगुर संसार में जो नर निज पराक्रम की गाथा रच जन मानस के पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाता है उसी का जीवन सफल होता है।अश्वत्थामा का अद्भुत  पराक्रम देखकर कृतवर्मा और कृपाचार्य भी मरने मारने का निश्चय लेकर आगे बढ़ चले। #कविता

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©Ajay Amitabh Suman #वीरत्व #पुरुषार्थ #पराक्रम #वीरत्व #दुर्योधन #अश्वत्थामा #कृतवर्मा #महाभारत #Poetry #Kavita 
इस क्षणभंगुर संसार में जो नर निज पराक्रम की गाथा रच जन मानस के पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाता है उसी का जीवन सफल होता है।अश्वत्थामा का अद्भुत  पराक्रम देखकर कृतवर्मा और कृपाचार्य भी मरने मारने का निश्चय लेकर आगे बढ़ चले।

Ajay Amitabh Suman

#कविता #दुर्योधन #महाभारत #अश्वत्थामा #Poetry #kavita #Duryodhan #Ashvtthama #Mahabharata #mahakal दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-31 जिद चाहे सही हो या गलत  यदि उसमें अश्वत्थामा जैसा समर्पण हो तो उसे पूर्ण होने से कोई रोक नहीं सकता, यहाँ तक कि महादेव भी नहीं। जब पांडव पक्ष के बचे हुए योद्धाओं की रक्षा कर रहे जटाधर को अश्वत्थामा ने यज्ञाग्नि में अपना सिर काटकर हवनकुंड में अर्पित कर दिया  तब उनको भी अश्वत्थामा के हठ की आगे झुकना पड़ा और पांडव पक्ष के बाकी बचे हुए योद्धाओं को अश्वत्थामा के हाथों मृत्यु

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©Ajay Amitabh Suman #कविता #दुर्योधन #महाभारत #अश्वत्थामा #Poetry #Kavita #Duryodhan  #Ashvtthama #Mahabharata #Mahakal

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-31

जिद चाहे सही हो या गलत  यदि उसमें अश्वत्थामा जैसा समर्पण हो तो उसे पूर्ण होने से कोई रोक नहीं सकता, यहाँ तक कि महादेव भी नहीं। जब पांडव पक्ष के बचे हुए योद्धाओं की रक्षा कर रहे जटाधर को अश्वत्थामा ने यज्ञाग्नि में अपना सिर काटकर हवनकुंड में अर्पित कर दिया  तब उनको भी अश्वत्थामा के हठ की आगे झुकना पड़ा और पांडव पक्ष के बाकी बचे हुए योद्धाओं को अश्वत्थामा के हाथों मृत्यु
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