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पतंग ऊँचाई तक पँहुच गया हूँ तेज हवा के संग विषम पर

पतंग
ऊँचाई तक पँहुच गया हूँ
तेज हवा के संग
विषम परिस्थिति रोक रही थी
बहुत किया है जंग

वाह वाह कहती  है दुनिया
मुझे यहाँ पर देख
कोई गीत लिखता है मुझ पर
कोई लिखता लेख

सभी प्यार से देखें मुझको
बजा रहें हैं ताली
हर्षित होकर मुझे निहारे
डोर पकड़ने वाली

मुझे कोई भी नहीं पूछता
अगर नहीं उड़ पाता
आसमान छूने का सपना
सपना ही रह जाता

विनती है ईश्वर से बेखुद
टूटे कभी न डोर
वरना लौट न पाऊंगा मैं
फिर अपनों की ओर

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #kite
पतंग
ऊँचाई तक पँहुच गया हूँ
तेज हवा के संग
विषम परिस्थिति रोक रही थी
बहुत किया है जंग

वाह वाह कहती  है दुनिया
मुझे यहाँ पर देख
कोई गीत लिखता है मुझ पर
कोई लिखता लेख

सभी प्यार से देखें मुझको
बजा रहें हैं ताली
हर्षित होकर मुझे निहारे
डोर पकड़ने वाली

मुझे कोई भी नहीं पूछता
अगर नहीं उड़ पाता
आसमान छूने का सपना
सपना ही रह जाता

विनती है ईश्वर से बेखुद
टूटे कभी न डोर
वरना लौट न पाऊंगा मैं
फिर अपनों की ओर

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #kite