जो पन्नो पर लिखते थे नाम आज वे बदनाम हो गए शुरू शुरू के दौर में चले बहुत अब बता नही कहाँ गुमनाम हो गए लिखते क्यों हो फौगाट ऐसे पन्नो पर जिन्हें पढ़ने वाले हसीनाओं के गुलाम हो गए ombir phogat #poem 8