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Village Life शाखों से पत्तों का टूट जाना एक स्वभाव

Village Life शाखों से पत्तों का टूट जाना
एक स्वभाविक प्रक्रिया है
पर टहनियाँ पत्तों से जुड़ना कहाँ छोड़ती हैं
हम इंसान नाकाम रिश्तों 
नाकाम उम्मीदों के पुलिंदे बांधे फिर रहे हैं
फिर भी 
नयी उम्मीदों से जुड़ना कहाँ छोड़ पाते हैं
हर बार गिर कर, ठोकरें खाकर
विश्वासों पर आघात झेलकर,
उठना, संभलना और यकीन करना
कहाँ छोड़ते हैं
इंसान इस दुनिया में सीखने ही यही आता है
कि कैसे हर बार चोटिल होकर,
थक - हारकर, वक़्त की मार खा कर,
जमीन में धस कर भी
वह जिंदगी की जड़ों से जुड़े रहना नहीं छोड़ता  है
वो हर हाल में जीना सीखता है..!!!!

©Navash2411
  #villagelife