मुझे मोह है ज़िन्दगी का; ख़ैर जाना भी चाहता हूं, एक बूंद अश्क सा आंखों में, ठहर जाना भी चाहता हूं। लेकर तो आई दरिया किनारे, मुझे क़िस्मत की लहरे! अब डूबने की ख्वाहिश भी है तैर जाना भी चाहता हूं।। "हुड्डन"🙏 #दोराय