उसने कहा कंधे झुकाकर क्यों चलतें हो मैंने कहा कद की वजह से उसने कहा कद, हद, पद की परवाह मत किया करों परवाह ही करनी है तो मेरी गर्दन की करों जो तुम्हारी वजह से हमेशा ऊंची रहती है। dil-ye-sukun